लेखनी प्रतियोगिता -08-Jun-2022 #प्रतियोगिता #मेरा जीवन
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विषय:मानव जीवन
मानव जीवन हो खुशहाल ।
मानव जीवन हो खुशहाल,
जीवन में न हो बेहाल।
जीवन में हो हर्ष और उल्लास,
मानव जीवन में हो यह हास।
मानव जीवन में हो सफल फल,
जीवन में न हो विफल।
मानव जीवन हो सच्चे रिश्तों का एक बंधन,
निकटता के साथ गहराई और मजबूती का जीवन।
वह अनमोल पल ले कर साथ सबको चले संग,
वह मानव जीवन में हो जीत और हौसले की उमंग।
पूरे धैर्य और विश्वास के साथ की डोर,
अनुरागित हो मानव जीवन की नयी भोर।
प्यार,दुलार,देखभाल की है यह राह,
मानव जीवन में हो ईमानदारी की एक चाह।
मानव जीवन में है बिखरते रहे प्रेम के अनमोल मोती,
कटुता,द्वेष,और इर्ष्या दूर -दूर तक संग न होती।
जीवन में निखरे इंद्रधनुषी रंग ,
मानव जीवन के फैले जीवन में उमंग।
साथ चले सब है सुकून का पहरा,
मानव जीवन तो है करूणा का सागर गहरा।
उदात्तता की शक्ति और शिष्टता,
मानव जीवन में बढ़ती रहे प्रीत, शांति और एकता।
संजोग साथ है जीवन में समानता,
मानव जीवन में हो प्यार और भावनाओं का रिश्ता।
मानव जीवन हो सच्चे रिश्तों का एक बंधन,
निकटता के साथ मजबूती और गहराई का जीवन ।
-भूमिका शर्मा
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
Seema Priyadarshini sahay
10-Jun-2022 07:59 AM
बहुत खूबसूरत
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Punam verma
10-Jun-2022 12:40 AM
Very nice
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Abhinav ji
09-Jun-2022 08:40 AM
Very nice👍
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